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कितना अच्छा होता जब हम अपने भगवन से कुछ भी मांगते और वह कह देते – तथास्तु !
महाभारत को याद करते है – कौरवो ने भगवन कृष्णा से उनके लाखों सैनिक मांग लिए और भगवन दे दिए पांडवों को ….
एक नज़र हमारे आज के युग की कहानी पे डालते है! हमारी इस कहानी का हीरो है एक बेहद मेहनती व् स्किल्ड व्यक्ति जो की एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंटरव्यू देने जाता है! अच्छी खासी सैलरी है … बढ़िया ब्रांड नाम है …. प्रोफाइल भी पसंद का है. जैसे ही रिसेप्शन पे कदम रखता है – वहाँ इंटरव्यू के लिए आये २०-२५ और लोगोँ को देखते ही भगवन को याद करता है और कहता है की “भगवन, बस किसी तरह मेरा सिलेक्शन पहले पांच लोगों में हो जाये. भगवन कहते है – “तथास्तु”!
आगे की कहानी बड़ी रोचक है दोस्तों. हमारा हीरो पहले पांच लोगों में सेलेक्ट हो जाता है. वह हर पल उनकी एक-एक हरकत पे नज़र रखे हुए है. फिर भगवन याद आते हैं. इस बार भगवन से मांगता है “किसी भी तरह इन चारों का सिलेक्शन रुक जाये. भगवन तो आस्था के भूखे है, आशीर्वाद दे देते है “तथास्तु”!
दो दिनों के बाद इंटरव्यू का रिजल्ट आता है. वाकई उन चारों व्यक्तियों का नाम सिलेक्शन लिस्ट में नहीं होता. जानतें है दोस्तों, हमारे हीरो का नाम भी नहीं है उस लिस्ट में नहीं है….
क्या बदला इंसान में तब से अब तक. हमारे इतिहास में भी हम खुद का अच्छा चाहने से ज़्यादा तवज़्ज़ो दूसरों का बुरा होने को देते थे …. भगवन क्या करें – कह देते है“ तथास्तु” और हमारी गाड़ी आगे नहीं बढ़ती. क्या होता अगर कौरव पांडवो की हार की जगह अपनी जीत मांग लेते या फिर सभी की जीत मांग लेते…. हमारा हीरो अपना सिलेक्शन मांग लेता …
चलिए अभी इसी पल से अपनी सोच, अपने जीवन को बदल कर देखे. शुरुआत करते है अपने हाथ के अंगूठे के निचे “बी पोसिटिव” लिख कर. शायद जब भी हम इसे देखे, अपनी ब्लेस्सिंग्स के लिए भगवन को धन्यवाद दे और दूसरों का बुरा मांगने की बजाये खुद का अच्छा मांग ले और यकीं मानिए दोस्तों भगवन भी मुस्कुरा के कहेंगे “तथास्तु”!
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